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नई दिल्ली. भारत की विदेश नीति को मजबूती देने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण दिन रहा, जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सऊदी अरब और ईरान के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की। ये कूटनीतिक वार्ताएं क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिहाज़ से अहम मानी जा रही हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज सुबह सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री आदिल अल जुबैर से मुलाक़ात की। इस बातचीत की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर साझा की। अपने पोस्ट में जयशंकर ने बताया, "आज सुबह सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री आदिल अल जुबैर के साथ अच्छी मुलाकात हुई। आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करने के बारे में भारत का दृष्टिकोण साझा किया।"
इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराग़ची भी भारत के दौरे पर हैं। वे भारत-ईरान संयुक्त ज्वॉइंट कमीशन मीटिंग में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर बताया कि यह बैठक भारत-ईरान मैत्री संधि की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, और इसका उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करना और उसे और मजबूत बनाना है।
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My opening remarks at the 20th India-Iran Joint Commission Meeting.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 8, 2025
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इन दोनों बैठकों को भारत की 'अंतरराष्ट्रीय संतुलनकारी कूटनीति' का हिस्सा माना जा रहा है, जहां भारत पश्चिम एशिया के प्रमुख देशों के साथ संवाद बनाए रखने और सहयोग को गहरा करने की कोशिश कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे संवाद न केवल रणनीतिक साझेदारियों को नया आयाम देते हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा में भी भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाते हैं।