रायपुर. छत्तीसगढ़ में तेज़ी से बढ़ते तापमान ने शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। राज्य शिक्षा विभाग ने बच्चों और शिक्षकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए समर कैंप आयोजित करने का आदेश वापस ले लिया है। अब स्कूलों में गर्मियों के दौरान कोई समर क्लास नहीं लगाई जाएगी।

शुरुआत में यह समर क्लास छात्रों की पिछली पढ़ाई की पुनरावृत्ति और नए सत्र की तैयारी के उद्देश्य से रखी गई थी। साथ ही इसका मकसद बच्चों में नेतृत्व, आत्मविश्वास और रचनात्मकता जैसे गुणों को विकसित करना था। लेकिन अप्रैल-मई की भीषण गर्मी को देखते हुए इसका व्यापक विरोध शुरू हो गया।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ और छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक / समग्र फेडरेशन ने इस आदेश के खिलाफ विभाग को पत्र भेजा था। संगठनों ने इसे छात्रों और शिक्षकों की सेहत के लिए जोखिम भरा कदम बताया। इस पर विभाग ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।

शिक्षा विभाग के डीपीआई कार्यालय से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि छात्रों और शिक्षकों के हित में ग्रीष्मकालीन शिविर संबंधी आदेश स्थगित किया जाता है। यह निर्णय राज्य में लगातार बढ़ते तापमान और स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

राज्य के कई जिलों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। ऐसी स्थिति में बच्चों को स्कूल बुलाना न केवल चुनौतीपूर्ण था, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी अनुकूल नहीं। शिक्षा विभाग के इस निर्णय से शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को बड़ी राहत मिली है।